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IIA ने सौर चुंबकीय क्षेत्रों का अध्ययन करके सूर्य के रहस्यों का पता लगाने का एक नया तरीका खोजा

Published On: 2024-08-23

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के खगोलविदों ने सूर्य के रहस्यों का पता लगाने के लिए इसके वायुमंडल की विभिन्न परतों में चुंबकीय क्षेत्रों का विश्लेषण करके एक नई विधि विकसित की है। इस शोध में कोडाईकनाल टॉवर टनल टेलीस्कोप के डेटा का उपयोग किया गया है।

 

चुंबकीय क्षेत्र और सौर गतिशीलता

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग बताता है कि सौर वायुमंडल की विभिन्न परतें चुंबकीय क्षेत्रों के माध्यम से आपस में जुड़ी हुई हैं। ये क्षेत्र सूर्य की आंतरिक परतों से बाहरी परतों तक ऊर्जा और द्रव्यमान को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक हैं, जो कोरोनल हीटिंग समस्या और सौर हवा के गठन में एक महत्वपूर्ण कारक है।

 

मुख्य अवलोकन

IIA के वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन-अल्फा और कैल्शियम II वर्णक्रमीय रेखाओं में एक साथ अवलोकन का उपयोग करके जटिल विशेषताओं वाले एक सनस्पॉट का अध्ययन किया है।

उनके विश्लेषण ने विभिन्न वायुमंडलीय ऊँचाइयों पर चुंबकीय क्षेत्र के स्तरीकरण में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिससे सौर गतिशीलता की हमारी समझ में वृद्धि हुई। अध्ययन सौर अनुसंधान में उन्नत दूरबीन तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डालता है।

 

वर्तमान भारतीय अंतरिक्ष मिशनों का अवलोकन

 

चंद्रयान 3 के बाद की सफलता

चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट पर शांति के बावजूद भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम शांत नहीं रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस उपलब्धि को चिह्नित करते हुए 23 अगस्त को भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया था।

 

प्रमुख मिशन और मील के पत्थर

इसरो ने 2 सितंबर, 2023 को आदित्य-एल1 सौर मिशन लॉन्च किया, जो जनवरी 2024 तक पृथ्वी-सूर्य लैग्रेंज बिंदु के चारों ओर अपनी कक्षा में पहुँच गया। गगनयान मिशन ने 21 अक्टूबर, 2023 को अपने पहले निरस्त परीक्षण के साथ आगे बढ़ते हुए चालक दल की सुरक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन किया।

 

अनुसंधान और भविष्य की योजनाएँ

इसरो ने छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) के विकास को अंतिम रूप देते हुए, एक एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह एक्सपोसैट और एक मौसम संबंधी उपग्रह इनसैट-3डीएस भी लॉन्च किया।

अब फोकस दीर्घकालिक अनुसंधान पर है, जिसमें गगनयान रोडमैप की योजना 2047 तक विस्तारित है, जिसमें एक नया लॉन्च वाहन (एनजीएलवी) और एक संभावित चंद्र मिशन शामिल है। इस बीच, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) वाणिज्यिक मिशनों को संभालना जारी रखता है।