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रियाद में पहली भारत खाड़ी सहयोग परिषद विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे - विदेश मंत्री एस. जयशंकर

Published On:

संदर्भ

 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर रियाद में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में भाग ले रहे हैं।

 

यह आयोजन भारत और खाड़ी देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, यह एक ऐसा क्षेत्र है, जो भारत की विदेश नीति और आर्थिक संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

पृष्ठभूमि

 

भारत जीसीसी क्षेत्र के साथ गहरे आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध साझा करता है, जहाँ लगभग 8.9 मिलियन भारतीय प्रवासी रहते हैं। खाड़ी क्षेत्र भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जहाँ से महत्वपूर्ण निवेश और ऊर्जा आयात आते हैं।

 

इन सम्बन्धों को मज़बूत करना भारत के कूटनीतिक एजेंडे के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है।

 

खाड़ी सहयोग परिषद क्या है?

 

खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) विदेश मंत्रियों की बैठक भारत और खाड़ी देशों के लिए आपसी हितों पर चर्चा करने और व्यापार, निवेश और ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करने का एक मंच है। यह उद्घाटन बैठक दोनों क्षेत्रों के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है।

 

निष्कर्ष

इस बैठक से आर्थिक विकास, ऊर्जा सुरक्षा और मजबूत कूटनीतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जीसीसी देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने की उम्मीद है। डॉ. जयशंकर की यात्रा में जीसीसी सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता शामिल है, जो इस क्षेत्र में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी।

 

आगे की राह

 

भारत का लक्ष्य खाड़ी देशों के साथ अपने रणनीतिक और आर्थिक जुड़ाव को गहरा करना है। जीसीसी विदेश मंत्रियों की बैठक में चर्चा, साथ ही निरंतर कूटनीतिक प्रयासों से आने वाले वर्षों में अधिक सहयोग और मजबूत संबंधों का मार्ग प्रशस्त होगा।