प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन यात्रा के दौरान चार समझौतों पर किए हस्ताक्षर
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संदर्भ
23 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा की, जो 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा यूक्रेन की यात्रा थी।
यह यात्रा दो देशों की एक बड़ी यात्रा का हिस्सा थी जिसमें पोलैंड भी शामिल था, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष को संबोधित करना था।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा विशेष यूक्रेनी ट्रेन 'रेल फोर्स वन' द्वारा सुगम की गई, जो युद्ध के बीच यूक्रेनी हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के लिए परिवहन का पसंदीदा तरीका बन गया है।
कीव में प्रधानमंत्री के 7 घण्टे के संक्षिप्त प्रवास में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक शामिल थी, जहाँ युद्ध और भविष्य के सहयोग पर चर्चाएँ केंद्रित थीं।
4 समझौते एवं यात्रा का उद्देश्य
इस यात्रा के दौरान भारत और यूक्रेन के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए 4 महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए जोकि इस प्रकार हैं :
- कृषि और खाद्य उद्योग - कृषि पद्धतियों और खाद्य सुरक्षा में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से।
- चिकित्सा उत्पाद विनियमन - चिकित्सा उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण और विनियमन को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- मानवीय अनुदान सहायता - भारत यूक्रेन की सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- सांस्कृतिक सहयोग (2024-2028) - अगले चार वर्षों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देना।
इसके अलावा, प्रधान मंत्री मोदी ने यूक्रेन को चार भीष्म (सहयोग हित और मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल) क्यूब्स भेंट किए, जो पोर्टेबल अस्पताल हैं, जिन्हें संघर्ष क्षेत्रों में 200 से अधिक रोगियों के इलाज के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारतीय विशेषज्ञ यूक्रेनी कर्मियों को उनके संचालन के बारे में प्रशिक्षण देंगे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने कीव के ओएसिस ऑफ़ पीस पार्क में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की, आज की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में गांधी की शिक्षाओं की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।
आगामी कदम
इस यात्रा के दौरान हुए समझौते और चर्चाएँ भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर सहयोग के लिए एक मज़बूत आधार प्रदान करती हैं। आगे बढ़ते हुए दोनों देशों से इन पहलों को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, जिसमें कृषि, स्वास्थ्य सेवा, मानवीय सहायता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और साथ ही क्षेत्र में जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य को भी ध्यान में रखा जाएगा।