भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
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•संवैधानिक स्थिति: CAG भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है और संघ और राज्य सरकारों के वित्त के लेखापरीक्षा और रिपोर्टिंग कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार है।
•कार्य: प्रमुख कार्य सरकारी राजस्व, व्यय और खातों की लेखापरीक्षा, सरकारी अनुबंधों और लेन-देन की जांच करना जैसे हैं।
सरकारी कार्यक्रमों की अर्थव्यवस्था, दक्षता और प्रभावशीलता।
•स्वतंत्रता और अधिकार: CAG एक स्वतंत्र निकाय है जिसे राष्ट्रपति द्वारा छह साल या 65 वर्ष की आयु तक के लिए नियुक्त किया जाता है।
बौद्ध सिद्धांत
• चार आर्य सत्य:
दुख का सत्य (दुक्ख): जीवन दुख और असंतोष से भरा है।
दुख की उत्पत्ति (समोजर) से: दुख दर्द और अज्ञानता से आता है।
दुख के अंत से संबंधित सत्य (निरोदा): बेशक, इस खिंचाव को हटाने के बाद दुख दूर हो जाएगा।
दुख के अंत के मार्ग (मग्गा) के बारे में सत्य: अष्टांगिक मार्ग दुख के अंत की ओर ले जाता है।
• अष्टांगिक मार्ग:
- सही समझ (सम्मा दिट्ठि)
- सही इरादा (सम्मा संकल्प)
- सही भाषण (सम्मा वाचा)
- सही कार्य (सम्मा कम्मंता)
- सही आजीविका (सम्मा अजीव)
- सही प्रयास (सम्मा वयम)
- सही ध्यान (सम्मा सती)
- सही एकाग्रता (सम्मा समाधि)
• तीन रत्न (त्रिरत्न) या तीन शरण:
- बुद्ध: प्रबुद्ध शिक्षक। - धर्म: बुद्ध की शिक्षाएँ।
- संघ: भिक्षुओं और भिक्षुणियों का बौद्ध समुदाय। सी-विजिल (चुनाव के लिए नागरिक चेतावनी और सूचना इंटरफ़ेस संग्रह)
सी-विजिल
•यह नागरिकों के लिए चुनाव (एमसीसी) के दौरान व्यवहारिक क्रियाओं को समझाने और स्वतंत्र और निष्पक्ष सर्वेक्षण प्रदान करने के लिए एक कंप्यूटर प्लेटफ़ॉर्म है।
•कार्य:
-एमसीसी उल्लंघनों के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए लोगों के लिए मोबाइल ऐप
-उपकरण / वीडियो सचिव
-वास्तविक रिपोर्ट और वास्तविक समय में अनुवर्ती कार्रवाई
-चुनाव समिति से शिकायतों के लिए एक पुरस्कार प्रणाली के साथ आवंटित
•उद्देश्य:
चुनाव अवलोकन में भाग लेने वाले नागरिकों की क्षमताओं को सुनिश्चित करना
-राज्य की जिम्मेदारी और पारदर्शिता को उजागर करना
-एमसीसी विकारों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाना
-एक शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना