रणनीतिक साझेदारी को और अधिक सक्रिय बनाने के लिए भारत और वियतनाम ने की द्विपक्षीय वार्ता
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प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’ और वियतनामी प्रधानमंत्री ‘फाम मिन्ह चीन्ह’ ने नई दिल्ली में चर्चा की, जिसका समापन वियतनाम के न्हा ट्रांग में दूरसंचार विश्वविद्यालय में आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क के वर्चुअल उद्घाटन के साथ हुआ। इस परियोजना को भारत से 5 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद मिली है।
मुख्य समझौते और समझौता ज्ञापन
विभिन्न क्षेत्रों में कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जोकि इस प्रकार हैं :
- सीमा शुल्क क्षमता निर्माण
- कृषि अनुसंधान और शिक्षा
- समुद्री विरासत
- औषधीय पौधे
- कानूनी सहयोग
इसके अतिरिक्त, प्रसार भारती और वॉयस ऑफ वियतनाम ने रेडियो और टेलीविजन में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन का आदान - प्रदान किया है और क्रेडिट लाइन और वियतनाम में माइसन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की बहाली के सम्बन्ध में समझौते किए गए हैं।
रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करना
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत - वियतनाम सम्बन्धों में उल्लेखनीय वृद्धि पर ज़ोर दिया, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार में 85% की वृद्धि को उजागर किया गया।
उन्होंने साझा बौद्ध विरासत के माध्यम से आध्यात्मिक सम्बन्ध पर ज़ोर दिया है और वियतनामी नागरिकों को भारत के बौद्ध सर्किट का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। मोदी ने वियतनामी युवाओं को नालंदा विश्वविद्यालय का लाभ उठाने के लिए भी प्रोत्साहित किया है।
भविष्य की रूपरेखा और सहयोग
नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है, जिसमें वियतनाम की समुद्री सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए 300 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन शामिल है।
वह आतंकवाद से निपटने और साइबर सुरक्षा में सुधार करने पर ध्यान केन्द्रित करने और आपसी व्यापार क्षमता को बढ़ाने के लिए आसियान - भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा करने पर भी सहमत हुए हैं।
राजनयिक जुड़ाव
प्रधानमंत्री चिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया और उन्होंने राजघाट पर महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। अपनी 3 दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान, चिन राष्ट्रपति ‘द्रौपदी मुर्मू’ और उपराष्ट्रपति ‘जगदीप धनखड़’ से भी मिलेंगे, उनके साथ मंत्रियों और व्यापार जगत के नेताओं का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा।
ऐतिहासिक सम्बन्ध और रणनीतिक महत्व
2016 में मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान भारत और वियतनाम के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्बन्धों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया था। वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तम्भ है और इसके इंडो - पैसिफिक विज़न में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।